!!! गर्भ की आवाज !!!
माँ,
जरा एक बार सुन तो ले मेरी पुकार
क्या यही है तेरा वो संसार
जिस के लिए तुमने मुझ को
यह दिखाने के लिए कर रही तैयार !!
माँ
कैसी पाल कर मुझ को करेगी तैयार
मुझ को तो दिख रहा सब बेकार
तुझ को तंग करते हैं यहाँ सब लो
क्या यही मिलेगा मुझ को भी परिवार !!
माँ
कितने तानो से खुद को करती हो बीमार
क्या पापा भी नहीं करते तुम से प्यार
तेरी ममता का सबब हो रहा मुझ को यहाँ
मैं आकर तुझ को दूँगी अपना प्यार !!
माँ
क्या मिलता है खाने को मैं जानती हूँ
इतना बदत्तर नजर आ रहा परिवार
मेरे चन्द महीनो के लिए मेरी माँ
तुमने कर लिया खुद को कितना लाचार !!
माँ
क्या ऐसा ही होगा मेरे भी परिवार
शायद मुझ भी ऐसे ही मिलेगी दुत्कार
किस को सुनूंगी मैं अपनी चीत्कार
कैसे कटेगी मेरी जिन्दगी और चलेगा संसार !!
माँ
अभी तो खुद से गर्भ में में सवाल कर रही
तुझ से कैसे सुनाऊ मैं यहाँ से पुकार
अब जब गर्भ मैं हूँ पल रही तेरे , मेरी माँ
शायद मेरी भी जिन्दगी में होंगे अत्याचार !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ