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8 Jun 2022 · 1 min read

गर्दिशे जहाँ पा गये।

कहाँ थे ज़िन्दगी में हम और कहाँ आ गये।
ना जाने कब कैसे हम गर्दिशे जहाँ पा गये।।

अब अपनों से वह निस्बत रही ना हमारी।
तभी तो रिश्तों मे हम इतनी दूरियाँ पा गये।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
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