गरीब मजदूर
दुसरो के आशियाने बनाने ।
निकल पड़ा, चंद रुपये कमाने ।
अपने आशियाने से पलायन कर ।
छोटी सी झुग्गी में रहकर ।
गर्मी की कड़ी धूप सहकर ।
दर बदर यू ही काम की तलाश में ।
कही पर भी रहने को मजबूर ।
पेट की बड़वाग्नि शांत करने ।
संघर्ष रत “गरीब मजदूर” ।
© गोविन्द उईके