Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2022 · 1 min read

गरीब के हालात

कोई नही जाना चाहता है,गरीब के करीब।
ये फितरत देखी इस जमाने की अज़ीब।।

कहते हैं नेता कोई न रहेगा देश में गरीब।
सच्चाई को बताओ जाकर इनके करीब।।

चिनते है ऊंचे ऊंचे भवन अनेकों गरीब
रह नही सकते इनमे कभी बेचारे गरीब।।

उगाता है सभी अन्न खेतों में यह गरीब।
दो टाईम की रोटी नही है उसके नसीब।।

सर्दी गर्मी में काम करता है एक गरीब।
तन ढकने को कपड़े नही उसके नसीब।।

खून भी बेचता है गरीबी के कारण गरीब।
बीमारी से मरता है अस्तपताल के करीब।।

रस्तोगी भी कैसे लिखे गरीब के हालात।
लिखते लिखते रो रहे उसके भी जज्बात।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
*कोटा-परमिट का मिला ,अफसर को हथियार* *(कुंडलिया)*
*कोटा-परमिट का मिला ,अफसर को हथियार* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
तेरा इश्क जब ख़ुशबू बनकर मेरी रूह में महकता है
शेखर सिंह
ख़ुद से हमको
ख़ुद से हमको
Dr fauzia Naseem shad
औरते और शोहरते किसी के भी मन मस्तिष्क को लक्ष्य से भटका सकती
औरते और शोहरते किसी के भी मन मस्तिष्क को लक्ष्य से भटका सकती
Rj Anand Prajapati
जाग री सखि
जाग री सखि
Arti Bhadauria
बेशर्मी से रात भर,
बेशर्मी से रात भर,
sushil sarna
हास्य व्यंग्य
हास्य व्यंग्य
प्रीतम श्रावस्तवी
Don't pluck the flowers
Don't pluck the flowers
VINOD CHAUHAN
न्याय यात्रा
न्याय यात्रा
Bodhisatva kastooriya
3286.*पूर्णिका*
3286.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अनुशासन या अफ़सोस: जीवन का एक चुनाव
अनुशासन या अफ़सोस: जीवन का एक चुनाव
पूर्वार्थ
कविता -दो जून
कविता -दो जून
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आदमी और मच्छर
आदमी और मच्छर
Kanchan Khanna
जब मैं परदेश जाऊं
जब मैं परदेश जाऊं
gurudeenverma198
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
वीर बालिका
वीर बालिका
लक्ष्मी सिंह
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
संजय कुमार संजू
योग दिवस पर
योग दिवस पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"वायदे"
Dr. Kishan tandon kranti
#लघु_व्यंग्य
#लघु_व्यंग्य
*प्रणय प्रभात*
नन्दी बाबा
नन्दी बाबा
Anil chobisa
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
Surinder blackpen
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
सत्य कुमार प्रेमी
किसी भी वार्तालाप की यह अनिवार्यता है कि प्रयुक्त सभी शब्द स
किसी भी वार्तालाप की यह अनिवार्यता है कि प्रयुक्त सभी शब्द स
Rajiv Verma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
प्रेमदास वसु सुरेखा
Loading...