गरीबी
गरीबी की दुनिया, कठिनाई का संगाम,
धूप में पसीने की बूंदें, अपने संग लेकर आती आती हैं।
भूख की भीख में गुजरता बचपन,
सपनों की उड़ान कभी नहीं भर पाता मन।
रोटी के लिए लड़ता है, हर दिन,
पर संघर्ष का संग्राम, हर दिन करता वह जीन।
मजबूरी का आभास, हर कदम पर,
सपनों के पर्वत को छूने की अपनी धार पर।
गरीबी का आगे न छलना, न पीछे हटना,
सपनों की उड़ान, गरीबी के ख्वाबों में बसना।
क्योंकि गरीबी में भी है एक ताकत,
जो बड़ी मंजिलों को पाने की है राहत।
जीवन की हर मुश्किल से लड़ते हुए,
गरीबी के सपनों को पाने की आस लिए।