गम हो या हो खुशी।
गम हो या हो खुशी,
तुम हो मेरी जिंदगी।।1।।
इश्क तो है इबादत,
तुम हो मेरी बन्दगी।।2।।
जन्नत का नूर हैं तू,
ऐसी है तेरी सादगी।।3।।
दिल तुझमें फना है,
तू है एक आवारगी।।4।।
डूबना चाहे सब ही,
ऐसी आंखें नर्गिसी।।5।।
जर्रे-जर्रे में तू दिखे,
हुई जबसे दिल्लगी।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ