गम नहीं होता…
अपनों का रूठ जाना,किसी मर्ज से कम नहीं होता
क्यूँकि इस मर्ज का कोई भी मरहम नहीं होता
फिर मनाना पड़ता ह उन्हें सब कुछ पीछे छोड़कर
इस बीच सब कुछ छूट जाने का भी गम नहीं होता।
– मानसी पाल ‘मन्सू’
अपनों का रूठ जाना,किसी मर्ज से कम नहीं होता
क्यूँकि इस मर्ज का कोई भी मरहम नहीं होता
फिर मनाना पड़ता ह उन्हें सब कुछ पीछे छोड़कर
इस बीच सब कुछ छूट जाने का भी गम नहीं होता।
– मानसी पाल ‘मन्सू’