गमों का साल गुजरा है, खुशी का साल आया है।
गज़ल
1222……1222……1222……1222
गमों का साल गुजरा है, खुशी का साल आया है।
सभी को मुस्कुराने की, नई उम्मीद लाया है।
कि बीते साल में हम सब, रहे हैं गम में ही डूबे,
नया ये वर्ष ही पूरा, तो जश्नों में नहाया है।
घरों में बैठे हैं बिन काम, धंधे जिंदगी मुश्किल,
मिले भरपेट रोटी सबको, ये उम्मीद लाया है।
बढ़ा दे वक्त पर जो हाथ, समझो बस वही अपना,
न आये काम जीवन में, वही अपना, पराया है।
पुराने साल में देखे हैं, दर्दों गम के मेले ही,
कि नूतन वर्ष में प्रेमी, नई खुशियों का साया है।
…….✍️ प्रेमी