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22 Feb 2023 · 1 min read

गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए(हिंदी गजल/गीतिका)

गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए(हिंदी गजल/गीतिका)
——————————————————
गदगद समाजवाद है, उद्योग लाने के लिए
क्या शान से उद्योगपति, सिर पर बिठाने के लिए ।।1

ढेरों पैसा स्वर्ग से ले, देवतागण आ गए
फैक्ट्रियाँ खोलेंगे, नौकरियाँ दिलाने के लिए ।।2

लग तो रहा है आप कुछ उद्योग लाएँगे मगर
यह तो बताएँ कर्ज कितना है डुबाने के लिए ।।3

एहसान थोड़े ही किया है, पूँजीपतियों आपने
उद्योग खोले आपने, पैसा कमाने के लिए ।।4

कर्ज लेकर बैंक से, यह फैक्ट्रियॉं लगवाऍंगे
बाद में फिर देश से ही, भाग जाने के लिए ।।5
——————————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
,रामपुर, (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615451

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