गत वर्ष की यादें
गत वर्ष की यादें
सिखाया बहुत कुछ गत वर्ष ने,
दिखाए लोगों के असली चेहरे हैं।
खोये हमने बहुत कुछ गत वर्ष में,
बनाये इसमें हमे लोगों ने मोहरे हैं।
अच्छा हुआ देख लिए हमने सबको,
यहाँ चेहरे एक के कितने सारे हैं।
डर नहीं लगता हैं हमें अब गैरों से,
यहाँ अपने ही हमेशा ढा रहे कहरे हैं।
छोड़ दिये सारे मतलबी रिश्ते इसमें,
जिसने भी मेरे सिद्धान्तों को तोड़े हैं।
करेंगे हम सामना तेरा किसी जमाने में,
अभी इस समय हम वक्त के मारे हैं।
आये काफी विघ्न-बाधायें इसमें,
सबमें हमने लगाए विजय के नारे हैं।
जीते थे और आगे खुद जीतेंगे भी हम,
हम अभी इसी विश्वास मात्र के सहारे हैं।
गत वर्ष की यादें यहाँ संक्षिप्त रूप में।
✍️✍️✍️खुश्बू खातून