गणपति वंदन
*** गणपति वंदन (भजन) ***
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जय हो गजानंद सदा तुम्हारी,
लाज राखियो तुम नाथ हमारी।
गौरी शंकर के लाल दुलारे,
कोई न हमारा सिवा तुम्हारे,
प्रेम रंग की भर दो पिचकारी।
जय हो गजानंद सदा तुम्हारी।
रिद्धि – सिद्धि के तुम्हीं हो दाता,
सब जन के तुम्हीं भाग्य विधाता,
दूर कष्ट क्लेश, कलह बीमारी।
जय हो गजानंद सदा तुम्हारी।
तीनों लोकों में महिमा न्यारी,
सर्वप्रथम सदा पूजा तुम्हारी,
मूषक वाहन की करो सवारी।
जय हो गजानंद सदा तुम्हारी।
भोले शंकर के हो बलिहारी,
गिरिजा माता है पालनहारी,
तुम बिना न हो कार्य शुभकारी।
जय हो गजानंद सदा तुम्हारी।
मनसीरत सेवक है गुण गाये,
नाच गा कर तुमको है मनाये,
दर्शन गणपति बहुत मंगलकारी।
जय हो गजानंद सदा तुम्हारी।
जय हो गजानंद सदा तुम्हारी।
लाज राखियो तुम नाथ हमारी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)