गणपति बप्पा
खाते हैं लड्डू ये गोल
गणपति बप्पा की जय बोल।
चूहे की ये करे सबारी।
मगर वजन में कितने भारी।।
हाथों में रखते हैं भाल।
गौरा मां के ये हैं लाल।।
मात-पिता की करते सेवा।
सब देवों के हैं ये देवा।।
सब मिल करते इनकी पूजा।
इनके जैसा देव ना दूजा।।
बच्चों के प्यारे गणराज।
घर घर देखो रहे विराज।।
विजय बेशर्म