गणपति बप्पा
हे गणनायक हे जगवन्दन।
विध्न विनाशक पार्वति-नन्दन।।
आज कृपा कर दो भगवन्ता।
देख सके जग देव महन्ता।।
मूषक वाहन पे चढ़ आओ।
मोदक तो प्रिय भोग लगाओ।।
दो प्रभु दर्शन नाथ गजानन।
वास करो हृदय पावन ऑंगन।।२।।
नित्य सुमंगल तू करता है।
विश्व अमंगल को हरता है।।
सिद्ध करो शुचि नाम गणेशा।
मॉं गिरिजा पितु देव महेशा।।३।।
**माया शर्मा, पंचदेवरी, गोपालगंज (बिहार)**