गणपति गजमुख गौरीनंदन गणेश
गणपति गजमुख गौरीनंदन गणेश
लंबोदर एकदंत विनायक प्रथमेश
विघ्नहर्ता सब सुख करता
पाप नाशक सब दुख हरता
सिद्धी बुद्धि संग विराजे
सर्प मयूर मूषक तीन सवारी
मेवा मोदक भोग लागे
एक विनती लाया हूं दरबार तुम्हारी
देवा सूनलो अरज हमारी
प्रथम आरती तुम्हारी