गणतंत्र
घनाक्षरी
गणतंत्र की जान है , गणतंत्र की आन है
झण्डा वो फहर तीन , रंगा फहरायेगा
झण्डा मेरे वतन का , गाये जो शौर्य गाथायें
गणतंत्र दिवस को , फिर लहरायेगा
अखण्ड अक्षुण्णता है,संस्कृति और सभ्यता
बन कर विश्वगुरु , राह को दिखायेगा
आज के दिवस हम , सब लेते है शपथ
कराये सबको भास, सबक सिखायेगा