गणतंत्र
गीतिका
******
पदांत- का गणतंत्र
समांत- अत्व
आओ मनाएँ स्वतंत्रता-अपनत्व का गणतंत्र.
आओ-मनाएँ, सहभागिता-समत्व का गणतंत्र.
दिखलाई दे उत्सव, पर्व, त्योहार पर बंधुत्व,
आओ मनाएँ कृतज्ञता-सिद्धत्व का गणतंत्र.
न हो कोई प्रमाद, जातिगत भेदभाव या द्रोह,
आओ मनाएँ सम्बद्धता-महत्व का गणतंत्र.
भ्रष्टाचारी, आतंकी, दुष्कर्मी, का हो नाश,
आओ मनाएँ वत्सलता-बुद्धत्व, का गणतंत्र.
अतिथिदेवोभव धर्म, कर्म हो नीर-क्षीर विवेक,
आओ मनाएँ सदा अमरता-तत्व का गणतंत्र.