गणतंत्र
आज बहुत पावन दिवस, आया है गणतंत्र।
अमर तिरंगा देश का,गाओ गौरव मंत्र।।
आज दिवस गणतंत्र है, जिस पर हमको गर्व।
देशभक्ति बलिदान की ,यह वीरों का पर्व।।
हम सब को गणतंत्र से, मिला नया उत्कर्ष।
इसको पाने के लिए, किये बहुत संघर्ष।।
शूर वीर की वीरता, आजादी का मंत्र।
त्याग-शांति का देश यह, इक अभिनव गणतंत्र।।
अपना भारत देश है, पूर्ण रूप स्वतंत्र।
क्योंकि सभी को है मिला,लोकतंत्र का मंत्र।।
बहुत मनन चिन्तन हुआ,बना तभी गणतंत्र।
परम धर्म है एकता,भाईचारा मंत्र।।
पुरखों के बलिदान से,भारत हुआ स्वतंत्र।
एक सूत्र में बाँधता,ये अपना गणतंत्र।।
भारत के गणतंत्र का,रहा जगत में मान।।
दशो दिशा में गूँजता,भारत का यशगान।।
सब मिलकर फिर से रचे, एक नया गणतंत्र।
देशभक्ति जिससे बढ़े, मिट जाये षडयंत्र।।
-लक्ष्मी सिंह