गणतंत्र दिवस
कितने वीरों ने बलिदान दिए, कितनों ने अपनी ज़ान गवाईं थी।
तब कहीं जाकर देश ने वर्षों में, अपनी आज़ादी की ख़ुशी मनाई थी।।
सन् 50 में संविधान जो लिखा गया था, आज के दिन ही देश में लागू किया गया था।
और आज के दिन को सबकी सहमति से,गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया था।।
संविधान से ही वर्षों से देश में देश, और राज्यों की सरकारें भी चुनी जाती हैं।
जो नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीक़े से देश में जीने का अधिकार दिलाती हैं।।
दिन था ऐतिहासिक इसलिए हर वर्ष इसे हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
करके याद बलिदानियों को वीर सपूतों को मिलकर श्रद्धा के सुमन चढ़ाते हैं।।
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने ले के सलामी, देश को पूर्ण गणतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिया।
और देश के बच्चे बच्चे ने 26 जनवरी को, गणतंत्र दिवस के रूप में स्वीकार किया।।
कहे विजय बिजनौरी सबको मिलकर देश के संविधान को सर्वोपरि बनाना है।
कर उपयोग मतों का अपने अपने देश से वंशवाद और जातिवाद को ख़त्म कराना है।।
हर बच्चे के दिल में देशप्रेम का अलख और देशभक्ति का जज़्बा हमें जगाना है।
हर साल उठाकर क़सम संविधान की आज के दिन ही अखंड भारत पर भी तिरंगा लहराना है।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।