*”गणतंत्र दिवस”*
“गणतंत्र दिवस”
छब्बीस जनवरी राष्ट्रीय पर्व ,
लागू हुआ संविधान हमारा।
उमंग तरंग हर्षोल्लास बांधे,
एकत्रित हुए संसार हमारा।
गणतंत्र दिवस पर्व मनाएं
जनमानस यश कीर्ति आजादी,
राष्ट्रीय गीत वंदन गाए।
ऊंच नीच भेदभाव धर्म कर्म ,
एकता सूत्र शांति पैगाम लाए।
गणतंत्र दिवस पर्व मनाएं
अनेकता में एकता अखंड भारत,
उन्नति प्रगतिशील की ओर बढ़ते जाए।
उन्नति प्रगतिशील नये सोपानों पर,
विकसित देशों में अग्रसर बढ़ते जाए।
गणतंत्र दिवस पर्व मनाएं
भगतसिंह सुभाषचंद्र बोस जी सेवा करते,
अपना बलिदान कुर्बानी देश आजाद करवाये।
गांधी शास्त्री ,नेहरू जी ने बगैर ,
अस्त्र शस्त्र के अहिंसा परमो धर्म का पथ प्रदर्शक कराए।
गणतंत्र दिवस पर्व मनाएं
देश का संविधान रचा शौर्यवान,
महाबिलदान शक्ति प्रदर्शन दिखलाए।
तिरंगा झंडा फहरा वीर जवानों ने,
लहू सींचकर मातृभूमि की खातिर मिट्टी में मिल कर्ज उतार जाए।
गणतंत्र दिवस पर्व मनाएं
सर्वधर्म समभाव दलितों का उत्थान,
देश की समृद्ध योजना कला संस्कृति जगाए।
आजादी के दीवाने देशभक्ति का जज्बा लिए,
मातृभूमि में शीश झुका तिरंगा झंडा फहराए।
गणतंत्र दिवस पर्व मनाएं
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई धर्म,
ऊंच नीच जाति एकजुटता सदभावना जगाए।
भारत की आन बान शान तिरंगा झंडा,
शहीदों का त्याग मान सम्मान बढ़ाए।
गणतंत्र दिवस पर्व मनाएं
वीर योद्धा शहीदों का हॄदय विशाल ,
सच्ची देशभक्ति मिसाल कायम जग में नाम रोशन कर जाए।
राष्ट्र देशभक्ति भावना सबके हॄदय में बसे ,
राष्ट्रीय ध्वजारोहण तिरंगा सदा लहराये।
आजादी की पहचान प्रगतिशील देश ,
गणतंत्र परेड अनुपम झाँकी जनमन गण स्वरलहरी गूंज रही वंदन गीत गाते जाए।
अविरल धारा नदियाँ बहती हुई,
सूर्य चंद्र सी ज्योति मशाल जले,
हरपल सजग सर्तक निर्भय हो ,
भारत विजयी विश्व विजेता बन आगे ही बढ़ते जाए।
गणतंत्र दिवस पर्व मनाएं
जय हिंद वन्देमातरम 🙏
शशिकला व्यास शिल्पी ✍️