***गणतंत्र दिवस***शुभ बेला***
गणतंत्र दिवस की पावन बेला।
प्रभात फेरियों का लगा न मेला।
चल रहा कोराना काल,बदलनी पड़ी हमको चाल।
बता – बता कुदरत ,खेल यह कैसा खेला।।
नन्हे मुन्ने बच्चे सारे,मन मसोज बैठे घर द्वारे।
महकमा स्कूलों का, मना रहा पर्व अकेला।।
रोनक चाहे फीकी रही, जोश न अपना जाने देंगे।
तिरंगा शान है, हमारी पहचान है ।
लहर लहर लहराया अलबेला।।
न रुके हैं न झुके हैं चलते ही जाएंगे।
भारत भू की, दसों दिशाओं में,
ध्वज हम सब ही लहराएंगे।
हारेगा तू को रोना, आएगी फिर से शुभ बेला।।
**७२वें गणतंत्र दिवस की आप सभी को अनंत शुभकामनाएं!
राजेश व्यास अनुनय