गठवन्धन पार्ट वन
अटल जी हुए लाचार,कैसे चलाएं वो सरकार,
करुणानिधि पर जया कि तलवार,
ज्योतिबसु पर ममता का वार,
बंसी से चौटाला कि खार,
माया मुलायम कल्याण पर सवार,
दिगविजय का पटवा पर प्रहार,
भैरो पर गहलौत का ज्वार,
रावडी से मोदी बेजार,
मुण्डे मनोहर मे बढती तकतार,
बादल को उधम सिहं का बुखार,
नवीन जानकी से बेजार,
मेहता से केसुभाइ लाचार,
नायडु के लिए भास्कर तैयार,
वर्मा पर अपनो कि मार,
धुमल सुखराम में बढती दरार,
एक अनार और सौ बीमार,
बाढ कि विभीषिका खिसकते पहाड,
आर्थिक नाकेबन्दी,महगांइ की रार,
उत्तरांचल,झारखण्ड,व छत्तीसगढ,
तीन सौ छपन्न हो या तीन सौ सत्तर,
एक से एक संकट है,सरकार पर,
और आसरा सिर्फ सोनिया कि ना पर।