गठबंधन की जय है (गीत)
गठबंधन की जय है (गीत)
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चाहे जिससे जो मिल जाए, सबकी चाह
विजय है
सभी प्रांत में गठबंधन है, गठबंधन की जय है
(1)
लँगड़े से लूला मिलता है, दोनों भाग्य सराहें
गूँगे बहरे एक हो गए ,भर – भर लेते बाँहें
अंधे की काने के सँग में ,जैसे हुई सगाई
धूम मची है आपस में मिलने की शुभ ऋतु आई
इन्हें “किंग मेकर “बनना है ,इनकी किस्मत तय है
सभी प्रांत में गठबंधन है, गठबंधन की जय है
(2)
रखा नहीं अब कुछ, विचारधारा की बातें
छोड़ो
प्यार करो कुर्सी से ,रिश्ता – नाता इससे
जोड़ो
हाथ मिलाओ चलो किसी गुंडे से चाहे जैसे
चरण छुओ उसके , जेबों में जिसके हों दो
पैसे
सीट हाथ से निकल न जाए, सबको इसका
भय है
सभी प्रांत में गठबंधन है, गठबंधन की जय
है
(3)
जातिवाद की आग लगा दो ,अपने-अपने
ढँग से
जातिवाद के लिखें शब्द सब अपने-अपने
रँग से
जातिवाद से जातिवाद का मिलन सीट
लाएगा
गठबंधन में धर्म , सीट दुगनी लेकर आएगा
राजनीति में प्यार मोहब्बत गाली सब
अभिनय है
सभी प्रांत में गठबंधन है, गठबंधन की जय है
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451