गज़ल
गज़ल
पल – पल पिया
मैं तेरे आने से हर पल पल जिया
तेरे चले जाने से ऐसे ही रह लिया
तेरी कसम है सनम किसी से मैने इश्क नहीं किया
बस तेरे शिवा किसी को फिक्स नहीं किया।
न कभी गिला न कभी शिकवा किया।
दिल में जो बात है ओ आज भी है पिया
तेरी नजरों से हम कभी घायल हुए
प्रेम रस को हम सोम रस समझ लिये।
तेरी आदत जो लगे जिंदगानी है।
मुझसे दूर रहना बेईमानी है।
तेरी मेरी यही सच्ची प्रेम कहानी है
जैसे राधा कृष्ण की दीवानी है।
युवा दिलों की ये रवानी है।
रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
शिक्षक जिला दुर्ग