गज़ल
जहाँ शब्दों की सीमा समेट लेती वाणी,
वहाँ आँखें भर देती हैं मौन की कहानी।
जब दिल भर जाता है होंठ नहीं खुलते,
आँखों की भाषा से मन के भाव फूटते।
– सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार
जहाँ शब्दों की सीमा समेट लेती वाणी,
वहाँ आँखें भर देती हैं मौन की कहानी।
जब दिल भर जाता है होंठ नहीं खुलते,
आँखों की भाषा से मन के भाव फूटते।
– सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार