++++(( गज़ल ))++++
+++++++++++(( गज़ल ))+++++++++
२२१ २१२२ २२१ २१२२
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जादू सा चल गया है कुछ तुमने कर दिया है
खोया है दिल हमारा दीवाने हम हुए हैं
दीवानगी है ये कैसी बेखुद से हो गये है
उल्फत में तुझ को पाकर बस तेरे हम हुए हैं
अरमान थे हमारे हम तुमसे कुछ बताएं
आवाज ही कहां अब लफ्ज़ भी गुम हुए हैं
सब कुछ बदल गया है जबसे तेरे हुए हैं
खुद पर चले ना बस अब अनजाने हम हुए हैं
गुरबत की बात क्यूं हो ये प्यार से परे हैं
चाहा है दिल ने तुझको अब तेरे हम हुए हैं
पीने पिलाने की ये आदत बडी बुरी है
ये जान कर ही इससे अब दूर हम हुए हैं
मय के नशे में क्या है आंखों में जो नशा है
तुम भी तो पी के देखो मदहोश हम हुए हैं
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© गौतम जैन ®