गज़ल
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2122 2122 2122 212
=========((( गजल ))) ============
तेरी आंखो में ” जूनूं ” बेशुमार होना चाहिए
गर मुहब्बत है तुझे ऐतबार होना चाहिए
मिलेगी हर वो खुशी जो चाहेगा ये जान ले
मुश्किलों के दौर में बस प्यार होना चाहिए
चमचमाती चांदनी सा रुप उनका है मगर
दिलनशी है वो अगर दिदार होना चाहिए
दिल की दुनिया से निकल कर जा न पाए वो कभी
उनका दिल भी तो यूं ही “बेकरार” होना चाहिए
गीत, नगमा या गज़ल जो भी हो “गौतम” दिल छुए
शेर हर ” धड़कन ” कहे वो ” प्यार ” होना चाहिए
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” गौतम जैन