गज़ल
रदीफ- रख लूँ ।
तेरे जिगर में आ अपने ,सब अरमान रख लूँ ।
ओ सजना आ,मैं तुझमें अपनी जान रख लूँ ।
आओगे जब तुम तो चांद भी हुलसेगा,
आज हसीं स्वप्न सुहाने सजा के रख लूँ ।
एक एक पल, मेरी चाहत का मोती,
प्रेम माला में मोती वफ़ा के रख लूँ ।
तेरेे दर्द,गिले शिकवे आ सारे मिटादूं,
कुछ ऐसे तुम्हें ख़ुद में छिपा के रख लूँ ।
सुन, मुश्किल से मिलती हैं सबकी दुआएँ,
सेवाएं करके यह दौलत कमा के रख लूँ ।
बाट निहारुं कि कभी तो लौटोगे साजन
तेरी चाहत में कुछ श्वासें बचा के रख लूँ ।
चांदनी रातों में ले हाथ तेरा हाथों में,
हाय,हसरत मिलन की दबा के रख लूँ ।
देखूं जो तुमको तो हृदय यही कहता है,
तुमको नीलम तुम्हीं से चुरा के रख लूँ ।
नीलम शर्मा