गज़ल
आसान नहीं है सहना दिल की पीर
अक्सर दिल हो ही जाता है अधीर
बहुत किया प्रयास बदलने का,मगर
नहीं बदली मेरे भाग्य की लकीर …..
⚡नीलम शर्मा ⚡
चल पंख लगा फिर सपनों को
तू फिर से ले उडान ए मन
हर पल एक प्रतियोगिता है
उसे जीत के जी ले ये जीवन
सुनले जीवन क्षण भंगुर है
गेरों को भी दे तू अपनापन
@नीलम शर्मा @