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4 Sep 2022 · 1 min read

गज़ल सी कविता

कुछ लम्हें जो तेरे साथ बिताये थे।
मेरी जिंदगी के कीमती सरमाये थे।।

मौसम सुहाना खुशरंग वादियाँ थीं।
दिन हसीं मदहोश रातों के साये थे।।

आज सोचें तो अश्क भर आते हैं।
उस वक्त हम कितना मुस्कराये थे।।

हसीं ख्वाब अक्सर अधूरे रहते हैं।
“कंचन” यही बात हम भुलाये थे।।

रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत) ।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार) ।
दिनांक :- १८/०५/२०१७.

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