जिन्दगी को साज दे रहा है।
मेरी खामोश जिन्दगी को साज दे रहा है।
वो मेरी लिखी ग़ज़लों को आवाज़ दे रहा है।।
सुनकर उसे सुकूं का अहसास हो रहा है।
वो मेरी उड़ानों को ऊंची परवाज़ दे रहा है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
मेरी खामोश जिन्दगी को साज दे रहा है।
वो मेरी लिखी ग़ज़लों को आवाज़ दे रहा है।।
सुनकर उसे सुकूं का अहसास हो रहा है।
वो मेरी उड़ानों को ऊंची परवाज़ दे रहा है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️