गजल
जब भी हमने कोई कलाम लिखा
सबसे पहले दोस्तो को सलाम लिखा
कभी नैनों का नीर लिखा और
कभी होठों को जाम लिखा
बात छिड़ी जब फूलों की
हमने उसका नाम लिखा
देश के वीरों ने अक्सर
लहू से है पैग़ाम लिखा
चखा है लंगर कभी गुरु का
कभी अल्लाह औे राम लिखा
बिकने वाले हर चेहरे पर
हमने देखा दाम लिखा
चंद अशआरों में ही हमने
ये हाले दिल तमाम लिखा