गजल
जो तुमको भूल जाये वो दिलकहां से लाऊ
तुम्हें प्यार करू कितना कैसे बताऊ
मेरी जिंदगी तुम्ही हो मेरी जान भी हो
दिल चाहे तुम्हें कितना कैसे तुम्हें बताऊ
तू सपनो मे सताती मेरे ख्वावोमे भी आती
मेरी आशिकी तुम्ही हो कैसे तुम्हें बताऊ
कृष्णा की प्राणप्यारी तूही तो नयनतारी
तुम्हें प्यार करू कितना कैसे तुम्हें बताऊ
कृष्णकांत गुर्जर