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6 Jul 2017 · 1 min read

गजल

2122 2122 2
जब हवा मद मस्त चलती है।
यह दवा सी सबको लगती है।*0*

रुत चली आई बड़ी प्यारी सी।
देख कर तबियत मचलती है।*1*

शाख पर कलियाँ खिली है यूँ।
गंध टुकडो में बिखरती है। 2

आज ले आई सनम यादें।
यादे’ पल पल तेरी चुभती है।*3*

तुम चले जब दूर जाते हो।
याद फिर क्यों हमसे मिलती है।*4*

यह बहारे जान ले लेंगी।
चाहते फिर से उबरती है।*5*

मर न जाऊं याद से तेरी।
साँस भी रुक रुक के चलती है।*6*

आँख की पलके गिरे ऐसे।
मानो दिल से सांस झरती है।*7*

ठंड पड़ जाती कलेजे में।
बर्फ कन कन कर पिगलती है।*8*

रूप तेरा देखकर सहमी।
धूप छन छन कर निकलती है।*9*)

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