गजल
हमने देखा सुरूर आंखों में।
सारी दुनिया हुजूर आंखों में।
पाल रखी है गर मोहब्बत तो।
फिर कहां जचती हूर आंखों में।
अब भला कैसे कोई रास आए।
अब फकत तेरा नूर आंखों में।
कोई सहरुल बयान का किस्सा।
कुछ है जादू जरूर आंखों में।
सगीर जिनके लिए मैं दुश्मन हूं।
कुछ ना कुछ है कसूर आंखों में।