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30 Jun 2021 · 1 min read

“गजराज”

“गजराज”
???

देखो ये गजराज कितना बड़ा है,
चार पांव पे ये आज कैसे खड़ा है।

इसका तुम, जरा गुरूर देखो;
पूछ से लंबी इसकी सूढ़ देखो।

देखो जरा, इसकी चाल ये मतवाली,
निकले हैं इसके, दो दंत आगे वाली।

इसके दो कान हैं, बहुत ही निराली;
बड़े-बड़े दिखते और है काली काली।

फल,फूल और पत्ते, इसका है आहार;
सीधा-साधा ही होता इसका व्यवहार।

शेर भी भाग जाएं, जब ये रहे चिंघाड़।
हर मानव सदा करते उससे बहुत प्यार।

इसमें भी होते कोई नर और कोई मादा,
जंगल में पाये जाते ये बहुत ज्यादा।

ये होता है पशु, बहुत ही शक्तिशाली;
“महावत” ही करता इसकी रखवाली।

…… ✍️ पंकज “कर्ण”
…………. कटिहार।।

8 Likes · 2 Comments · 671 Views
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