” गजब बताते है “
कुछ शब्द बताते हैं ,
अनेकों अर्थ समझाते है ।
रोज नया चेहरा दिखाते हैं ,
अपने ही सोच को गजब बताते है ।
खुद ही पैसे की लालच दिलाते हैं ,
आदत बनने के बाद डांटते है ।
शगुन के लिफाफे का वज़न नापते हैं ,
सिर्फ बदला ही लौटाने जाते है ।
दूसरों की औकात जांचते हैं ,
अपने में वकील बन जाते है ।
बिदाई में रूपया ही भेंट देते हैं ,
रिश्वत तो खुद बड़े लेना सिखाते है ।
अपनी शाजिशों में बेगुनाही दिखाते हैं ,
न्यायालय में लाखों दलिले लगातें है ।
परवरदिगार से ना हम कुछ छुपा पाते हैं ,
अपने ही सोच को गजब बताते है ।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️