गगन के चांद तारों ने, मुझे रोशन किया इक दिन।
गज़ल
1222……1222…..1222…..1222
गगन के चांद तारों ने, मुझे रोशन किया इक दिन।
खुदाया मेरी किस्मत है, तुम्हें मैं पा सका इक दिन।
खताएं मैंने कीं जीवन में, पर सबसे हंसी वो थी,
जो मैंने तुमसे की थी, प्यार करने की खता इक दिन।
मैं जीवन के बियाबां में, अकेला ही भटकता था,
तुम्हारा साथ पाकर ही, हुआ शादी शुदा इक दिन।
तुम्हारे इश्क की पीता रहा, मय जानकर ये ही,
कि मुझ पर रंग लायेगा, तुम्हारा ही नशा इक दिन।
मुझे आती नहीं है नींद, तुमसे दूर रहकर के,
न जाने कैसे होंगे या खुदा, तुमसे जुदा इक दिन।
दवा देता वही जो दर्द को महसूस करता हो,
हमारे दर्दे दिल की, दी थी, तुमने ही दवा इक दिन।
जहां मिलते हैं दो प्रेमी, वो जन्नत सी जगह होती,
वहां पर फूल खिलते हैं, महकती है वफा इक दिन।
……..✍️ प्रेमी