Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

गंगा ….

गंगा ….

रो देती है
टकराकर
प्रदूषित किनारों से
गंगा
शायद
प्रश्न चिन्ह है
आज की सभ्यता पर
गंगा में बढ़ता प्रदूषण

सुशील सरना /7-2-24

141 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*प्रभु पाने की विधि सरल ,अंतर के पट खोल(कुंडलिया)*
*प्रभु पाने की विधि सरल ,अंतर के पट खोल(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सौगंध
सौगंध
Shriyansh Gupta
..
..
*प्रणय*
*धर्म के नाम पर झगड़ा क्यों?*
*धर्म के नाम पर झगड़ा क्यों?*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
शब्दों की मशाल
शब्दों की मशाल
Dr. Rajeev Jain
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
कृष्णकांत गुर्जर
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
Sunil Gupta
मां का घर
मां का घर
नूरफातिमा खातून नूरी
कदम आगे बढ़ाना
कदम आगे बढ़ाना
surenderpal vaidya
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
- अब नहीं!!
- अब नहीं!!
Seema gupta,Alwar
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
Jitendra kumar
मन की चुप्पी
मन की चुप्पी
Shashi Mahajan
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कुछ लोगो के लिए आप महत्वपूर्ण नही है
कुछ लोगो के लिए आप महत्वपूर्ण नही है
पूर्वार्थ
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Chaahat
!! बोलो कौन !!
!! बोलो कौन !!
Chunnu Lal Gupta
आजकल कुछ सुधार है प्यारे...?
आजकल कुछ सुधार है प्यारे...?
पंकज परिंदा
3978.💐 *पूर्णिका* 💐
3978.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
शीर्षक - बचपन
शीर्षक - बचपन
Ankit Kumar Panchal
व्हाट्सएप युग का प्रेम
व्हाट्सएप युग का प्रेम
Shaily
भीगी पलकें( कविता)
भीगी पलकें( कविता)
Monika Yadav (Rachina)
चौराहे पर....!
चौराहे पर....!
VEDANTA PATEL
मेरे बस्ती के दीवारों पर
मेरे बस्ती के दीवारों पर
'अशांत' शेखर
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
मैं कभी भी भीड़ के साथ नही खड़ा होना चाहता हूं।
Rj Anand Prajapati
"बे-दर्द"
Dr. Kishan tandon kranti
Fight
Fight
AJAY AMITABH SUMAN
भगवता
भगवता
Mahender Singh
Loading...