Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2020 · 1 min read

गीत-गंगा माँ की महिमा

गंगा मैया! महिमा तेरी बडी निराली।
धो-धोके पाप पापियों के,
हालत ये कैसी बनाली।
गंगा मैया!महिमा तेरी बडी निराली।

स्वर्ग लोक से है तू आई।
शंकर जी की जटा समाई।।
भगिरथ की लाज बचाई,पत्थर में आत्मा डाली।
गंगा मैया!महिमा तेरी बडी निराली।

प्रण शान्तनु ,ने जब तोड़ा।
राजमहल का सुख था छोड़ा।
शाप का घोड़ा ऐसा दौड़ा,एक वसू की जान बचा ली।
गंगा मैया! महिमा तेरी बडी निराली।

कल-कल करती है तू बहती।
हर पाप मैं धोऊँ है तू कहती।
दामन पे दाग खुद है तू सहती,जाने कैसी,धुन है लगा ली।
गंगा मैया!महिमा तेरी बडी निराली।

विकराल रूप, तू जब-जब धरती।
विनाश का तांडव, है तू करती।
जान हाथ से लगे फिसलती,कोई छूट,ना जाये मवाली।
गंगा मैया ! महिमा तेरी बडी निराली।

गंगा मैया!महिमा तेरी बडी निराली।
धो-धोके पाप पापियों के,
हालत ये कैसी बनाली।
गंगा मैया !महिमा तेरी बडी निराली।

✍ शायर देव मेहरानियाँ
अलवर, राजस्थान
(शायर, कवि व गीतकार)
__7891640945
slmehraniya@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 334 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
ruby kumari
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
Just in case no one has told you this today, I’m so proud of
पूर्वार्थ
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे
कवि दीपक बवेजा
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
2445.पूर्णिका
2445.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
परोपकार
परोपकार
Neeraj Agarwal
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
Tarun Garg
आत्मा
आत्मा
Bodhisatva kastooriya
जीवन से ओझल हुए,
जीवन से ओझल हुए,
sushil sarna
कैसे अम्बर तक जाओगे
कैसे अम्बर तक जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
चंद हाईकु
चंद हाईकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
Harminder Kaur
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
"बात सौ टके की"
Dr. Kishan tandon kranti
जब से देखा है तुमको
जब से देखा है तुमको
Ram Krishan Rastogi
■ प्रभात वन्दन
■ प्रभात वन्दन
*Author प्रणय प्रभात*
* मुझे क्या ? *
* मुझे क्या ? *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वसंत के दोहे।
वसंत के दोहे।
Anil Mishra Prahari
वास्तविक मौज
वास्तविक मौज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Ignorance is the best way to hurt someone .
Ignorance is the best way to hurt someone .
Sakshi Tripathi
सब अपने नसीबों का
सब अपने नसीबों का
Dr fauzia Naseem shad
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई!
#बह_रहा_पछुआ_प्रबल, #अब_मंद_पुरवाई!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
My Lord
My Lord
Kanchan Khanna
राम-हाथ सब सौंप कर, सुगम बना लो राह।
राम-हाथ सब सौंप कर, सुगम बना लो राह।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नज़्म - झरोखे से आवाज
नज़्म - झरोखे से आवाज
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
छह ऋतु, बारह मास हैं, ग्रीष्म-शरद-बरसात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
Loading...