Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2017 · 1 min read

गंगा महिमा

(1)?गंगा महिमा
भारत की गरिमा
जाने दुनिया ?

(2)?स्वर्ग की नदी
धरा पर उतरी
ब्रह्मा की पुत्री?

(3)?भीष्म की माता
निर्मल जलधारा
अतिविशाला?

(4)?पवित्र नदी
प्रथम पूज्य देवी
सदैव रही?

(5)?वेदों की साक्षी
देवों में भी पूजित
देती है मुक्ति?

(6)?उद्गम स्थल
गंगोत्री हिमनद
मिली सागर?

(7)?श्वेतमयी सी
शंकर की जटा में
रहनेवाली ?

(8)?भागीरथ ने
धरा पर उतारा
घोर तप से?

(9)?अति वेग से
उछलती कुदती
धरा पे आई?

(10)?सदा चलती
कभी ना थकती
ना ठहरती?

(11)?गंगा की धारा
तीनों लोकों में जाती
सदा वंदित?

(12)?गंगा जीवन
अमृत सा पावन
शुद्ध शीतल?

(13)?माँ दुलारती
मुर्दा भी तारती
शुभ आरती ?

(14)?कल्याणमयी
विशाल भू सिंचती
जीवन देती?

(15)?मुक्ति का द्वार
सांस्कृतिक आधार
रीति संस्कार?

(16)?गंगा में स्नान
सारे पापों का नाश
पुण्य की प्राप्ति?

(17)?गंगा किनारे
अनेक तीर्थ स्थल
भव्य दर्शन?

(18)?प्यास बुझाती
जीव जन्तु पालती
माँ कहलाती?

(19)?गंगा का पानी
कभी सड़ता नहीं
विशेष शक्ति?

(20)?औषधि गुण
रोग प्रतिरोधक
शक्ति वर्धक?

(21)?देश की आत्मा
जन-जन की मैया
ममता भरा?

(22)?वैभवशाली
अति गौरवशाली
अध्यात्ममयी?

(23)?गंगा दूषित
बड़ी दुख की बात
करो उपाय?
???—लक्ष्मी सिंह??

Language: Hindi
1 Like · 386 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
*होली*
*होली*
Shashi kala vyas
गाछ सभक लेल
गाछ सभक लेल
DrLakshman Jha Parimal
आलस्य का शिकार
आलस्य का शिकार
Paras Nath Jha
कुछ ख़त्म करना भी जरूरी था,
कुछ ख़त्म करना भी जरूरी था,
पूर्वार्थ
रैन  स्वप्न  की  उर्वशी, मौन  प्रणय की प्यास ।
रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास ।
sushil sarna
#आज_का_दोहा
#आज_का_दोहा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
Peace peace
Peace peace
Poonam Sharma
बोर्ड परीक्षा में सुधार के उपाय
बोर्ड परीक्षा में सुधार के उपाय
Ravi Prakash
नादानी
नादानी
Shaily
हां मैं दोगला...!
हां मैं दोगला...!
भवेश
संसार में
संसार में
Brijpal Singh
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
ऋतु गर्मी की आ गई,
ऋतु गर्मी की आ गई,
Vedha Singh
*हिम्मत जिंदगी की*
*हिम्मत जिंदगी की*
Naushaba Suriya
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वो खुशनसीब थे
वो खुशनसीब थे
Dheerja Sharma
" मिलकर एक बनें "
Pushpraj Anant
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
जहां हिमालय पर्वत है
जहां हिमालय पर्वत है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
वह पढ़ता या पढ़ती है जब
gurudeenverma198
चंद्रयान
चंद्रयान
Mukesh Kumar Sonkar
2583.पूर्णिका
2583.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मौज में आकर तू देता,
मौज में आकर तू देता,
Satish Srijan
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
-- मंदिर में ड्रेस कोड़ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
Anis Shah
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
Neelam Sharma
फिर जनता की आवाज बना
फिर जनता की आवाज बना
vishnushankartripathi7
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...