ख़्वाहिश है तेरी
ख़्वाहिश है तेरी जुल्फों से खेलूं
दिल की तमन्ना है बाहों में ले लूँ
ख़्वाहिश है तेरी…………….
तुम ख्वाबों की हसीं तस्वीर हो
तुम मेरी जिंदगी की तकदीर हो
ख़्वाहिश है तेरी……………
तुमसे हूँ मैं और मेरी ये जिंदगी
खुदा से भी बढ़कर करूँ बंदगी
ख़्वाहिश है तेरी……………
छोड़कर तन्हाँ तुम जाना नहीं
बदन हों जुदा पर भुलाना नहीं
ख़्वाहिश है तेरी…………….
‘विनोद’हमको आरजू है तेरी
तुम्ही को चाहें हो जुस्तजू मेरी
ख़्वाहिश है तेरी……………
दिल की तमन्ना…………….
स्वरचित:——
( विनोद चौहान )