ख्वाहिश
बेकार की ख्वाहिशों के पीछे पड़कर
रोती रही मै उम्र भर
मेरे सामने खुशियों का पिटारा पड़ा था
पर देख न पाई मै उसे उम्र भर
सबने कहा जो है उसमे खुश रहो
और मै थी जो चाँद पाने की जिद्द मै
लगी रही उम्र भर।
~अनामिका
बेकार की ख्वाहिशों के पीछे पड़कर
रोती रही मै उम्र भर
मेरे सामने खुशियों का पिटारा पड़ा था
पर देख न पाई मै उसे उम्र भर
सबने कहा जो है उसमे खुश रहो
और मै थी जो चाँद पाने की जिद्द मै
लगी रही उम्र भर।
~अनामिका