ख्वाब
सुबह शाम सबेरे
नित्य नयन तुम्हारे
मुझको देखे प्यार से
ऐसा ही मेरा मन विचारे
चाहत की इस गहराई को
कभी तू भी तो पुकारे
पा लू तुझको हक्कीकत में
कोई तो ऐसा स्वप्न दिखा रे
एक शाम हुई, कई शाम गुज़री
गुज़री कई अंधियारे
मेरी जिंदगी के रौशनी बन जा
एक बार अपना कह कर पुकारे
हॄदय की स्पर्श हो तुम
बन जा दिल के तराने
एक चांद तालाशु तुझमें
देखूं तुझमें जीवन अपनी सारे
छन छन सी बजती पायलिया
शोर मचाती चूड़ियों की झंकारे
बांध दूँ गजरा तेरी जुल्फों में
मुड़ जा तू एक किनारे