ख्वाब
मत पूंछ यार खुद से कितने ख्वाब दफन हैं तुझमें।
इक मर जाता है तो दूसरा जिन्दा हो जाता है तुझमें।।
शिव प्रताप लोधी
मत पूंछ यार खुद से कितने ख्वाब दफन हैं तुझमें।
इक मर जाता है तो दूसरा जिन्दा हो जाता है तुझमें।।
शिव प्रताप लोधी