ख्वाब बहुत है दिल में अरमान बहुत है
ख्वाब बहुत है दिल में आस बहुत है
ऐ जिन्दगी तुझको समझने कीअरमान बहुत है
खामोशी सी छा जाती है तुझे ना समझने पर
और तुझे जितना समझु उतना ही खोती जाती हु तुझमे
तु ऐसी क्यो है क्यो तु हमको डुबाती
जितना जानती हु तुझको लगता कुछ न जानती तुझको
ख्वाब बहुत है दिल में आस बहुत है
ऐ जिन्दगी तुझको समझने कीअरमान बहुत है