ख्वाबों से हकीकत
ख़्वाब और ज़िंदगी
दोनो एकदूसरे के साथी
एक दुनिया ख़याली..
एक दुनिया हकीकत..
एक ख़ूबसूरत..
एक सच्चाई
एक खुशी
एक हरारत
जिंदगी ख्वाबो के बिना अधूरी
ख़्वाब को मुकम्मल करना भी ज़रुरी
तो..तुम इस तरह करो
सब से पहले अपनी दुनिया चुनो
चुनो ऐसे ख्वाब
जो तुम्हें मंजिल तक ले जाए
करो ऐसी काम के हर
रास्ता हो आसान
जो ख्वाबो को
बादल दे हकीकत में
……………
आज़माओ अपनी ख़ूबियो को
निकला फ़ेको अपनी कामियो को
हा ये सब से पहले करना होगा
तुम सच की राह पे चलना होगा
हक का हक अदा करना होगा।
…………
झूठ की बुनियाद को तोड़ा दोगे
तो एक महल सच का तामीर कर लोगे
सजदेये_शुक्रखुदा का जो अदा कर लोगे…
याक़ीनन मुश्किलो को पार कर लोगे
……………….
सुनो!!!
तुम अपने ख्वाबों को हकीकत में बदल लोगे…… शबीनाज