” ख्वाबों का सफर “
” ख्वाबों का सफर ”
सांसे थम सी गई,
ज़िंदगी की दौड़ में,
खुद को खो बैठे हम,
ख्वाबों के समंदर में।
पलकों पर आँसू बिछे,
दिल धड़कने लगा है धीरे,
सपनों की गलियों में,
खो जाने का मन करे।।
“पुष्पराज फूलदास अनंत”
” ख्वाबों का सफर ”
सांसे थम सी गई,
ज़िंदगी की दौड़ में,
खुद को खो बैठे हम,
ख्वाबों के समंदर में।
पलकों पर आँसू बिछे,
दिल धड़कने लगा है धीरे,
सपनों की गलियों में,
खो जाने का मन करे।।
“पुष्पराज फूलदास अनंत”