ख्वाँबो को युँ बुन लिया आँखो नें ,
ख्वाँबो को युँ बुन लिया आँखो नें ,
जैसे सितारे सजे हो आसमान में ,
रात में जगमाते और खो दिया हो दिननें ,
जैसे ऋत हो बरसात की और अंगडाई ली हो धुप नें …
ख्वाँबो को युँ बुन लिया आँखो नें ,
जैसे सितारे सजे हो आसमान में ,
रात में जगमाते और खो दिया हो दिननें ,
जैसे ऋत हो बरसात की और अंगडाई ली हो धुप नें …