ख्यालों में मदहोश हूँ
** ख्यालों में मदहोश हूँ **
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तेरे ख्यालों में मदहोश हूँ
जब से देखा मैं बेहोश हूँ
हाल ए दिल गर्दिशों में हुआ
रहूँ जुबां से मैं खामोश हूँ
तेरी नजरों में गिरफ्त हुआ
हसीन ख्वाबों के आगोश हूँ
दिल,दिमाग में समाई बेहद
पाक रूह में मैं फरामोश हूँ
सोचता रहता हूँ मैं सोच मे
चाहकर भी कहाँ मैं होश हूँ
जानकर भी बना अंजान हूँ
शोभित स्वप्न का फरोश हूँ
छाया जादू तेरा पर्दानशीं
खुद से अहसानफरामोश हूँ
मन सीरत सूरत का मुरीद
तेरे रंग रूप का मैं पोश हूँ
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)