%% ख्यालात %%
मैने पूछ ही लिया ,
ख्यालात से
तेरा भी जवाब नहीं
न जाने कौन सी लय में
यादों का पिटारा ले कर
तू आ जाता है
वक्त- बेवक्त समझाने को
क्यूं चला आता है
न आराम करने देता है
न तू बात करने देता है
तेरी लीला है सब से अलग
जब तू बात करता है तो
मुझ को सब से अलग करता है
तू यूं ही न चला आया कर
मुझ जो औरों से
न तू जुदा कर !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ